12th Hindi Aaroh Solution : Kavita Ke Bahane | आरोह भाग 02

Admin
0

 12th Hindi Aaroh Solution : Kavita Ke Bahane

12th Hindi Aaroh Solution : Kavita Ke Bahane | आरोह भाग 02


आरोह भाग 02 

प्रश्न 1. इस कविता के बहाने बताएँ कि 'सब घर एक कर देने के मानेक्या हैं 

उत्तर- इस कविता के बहाने में 'सब पर एक कर देने के मानेअर्थात् जाति-धर्मछोटा-बड़ाऊँच- नीचअमीर-गरीबअपने-पराए के बीच के भेद को मिटाकर आपसी एकताभाई-चारासामाजिक व धार्मिक समरसता लाना है। नन्हें बच्चे ऐसे भेद-भावअलगाव व मन-मुटाव की भावना से अनभिज्ञ सबसे मेल-जोल बढ़ाकर खेलते हैं उसी प्रकार कवि हृदय उपरोक्त वर्णित भेदभाव से रहित देश व समाज को एकसूत्र में बाँधने के लिए ही वर्णोंशब्दों और वाक्यों के खेल करते हुए एक प्रेरक काव्य रचना करता है। बच्चों के खेल की सीमा अनंत होती है उसी तरह कवि की कल्पना और संभावनाएँ अनंत होती हैं।

 

प्रश्न 2. 'उड़नेऔर 'खिलनेका कविता से क्या संबंध बनता है ? 

उत्तर- 'उड़नेऔर 'खिलनेका कविता से गहरा संबंध है। कविता की उड़ानें वास्तव में कवि हृदय की भावनाएँउसके मस्तिष्क की सोचविचारकल्पनाएँ उसके अंतर्चेतना की आकांक्षा है जो असीमित और अपरिमित हैं। खिलना विकास का प्रतीक है अतः पुष्प के खिलने से वातावरण सुरभित होता है और मानव मात्र में ताजगी का अहसास दिलाता है उसी प्रकार कविता की उड़ानें मानवमात्र के मनमस्तिष्क और हृदय की उड़ान का प्रतिनिधित्व कर उनके व्याकुलसंतप्त व्यक्ति हृदयमन-मस्तिष्क की तृष्णा को नई ऊर्जा और आशाएँ प्रदान कर शांति व सुकून प्रदान करती हैं।

 

प्रश्न 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं ? 

उत्तर- कविता और बच्चे को समानांतर रखने के कई कारण हो सकते हैं-

 

कविता 

1. कवि की कल्पनाशब्द-सीमा का क्षेत्र असीमित व अनंत होता है। 

2. कवि घर-बाहरप्रकृतिजड़-चेतनकालइतिहास  अनेक विषयों पर काव्य-लेखन कर सकता है। 

3. कवि का सामाजिक व धार्मिक समरसता व मानवताएकता स्थापित करना होता है।


बच्चे

1. बच्चों के खेल के तौर-तरीके और क्षेत्र भी सीमित नहीं होते हैं। 

2. बच्चे भी घर-बाहरप्रकृति के बीचसजीवनिर्जीव चीजों सेइतिहास के पात्रों के रूप में खेलते हैं। 

3. बच्चे भी बिना अपने-पराए के भेद किए सब एक साथधर्म व समाज के साथ खेलते हैं।

 

प्रश्न 4. कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के मानेक्या होते हैं ? 

अथवा 

'बिना मुरझाए महकनाकवि कुँवर नारायण जी ने किसके संदर्भ में कहा है इसका क्या अभिप्राय है?

 

उत्तर - कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के मानेयह होता है कि फूलों से ही कविता खिलती है किन्तु फूल को एक दिन मुरझाना ही पड़ता है किन्तु कविता कभी नहीं मुरझाती है। कविता के भावविचारसंवेदनाएँ आशाएँउसके विभिन्न रस अनंत काल तक लोगों के हृदयमन, मस्तिष्क में जीवंत रहकर ताजगी प्रदान करते हैं। हजार वर्ष पूर्व की कविता भी पड़ते-सुनते वक्त वही रसोत्पादन करती है जो पूर्व में थी। फूलों की महक जल्दी ही समाप्त हो जाती है किन्तु कविता को महक युगों-युगों तक देश व समाज में बिखरती रहती है।

 

प्रश्न 5. 'भाषा को सहूलियत से बरतनेसे क्या अभिप्राय है 

उत्तर—' भाषा को सहूलियत से बरतनेका अभिप्राय है कि स्वयं की उत्कृष्ट और श्रेष्ठ साबित करने के लिए बनावटीमुहावरेदारकठिन शब्दावली या महिमामंडित तरीके से वाचन न करते हुए जनमानस अनुरूपसरलसहजव्यावहारिकशब्दावलियों का प्रयोग कर सभी के समझने योग्य वाचन करें।

 

प्रश्न 6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैंकिन्तु कभी-कभी भाषा के चक्कर में 'सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती हैकैसे 

उत्तरबात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं। भाषा के बिना बातों का अस्तित्व आधारहीन है। भाषा के माध्यम से ही संप्रेषण संभव होता है। किन्तु भाषा यदि कठिनचमत्कारिकअनेकार्थी शब्दावलियोंश्रुतिसम भिन्नार्थक शब्दों के प्रयोग द्वारा प्रस्तुत की जाए तो सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है।

 

प्रश्न 7. बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित मुहावरों से मिलान- 

उत्तर 

1. बात की चूड़ी मर जाना  -बात का प्रभावहीन हो जाना

2. बात की पेंच खोलना- बात को सहज और स्पष्ट करना 

3. बात की शरारती बच्चे की तरह खेलना -बात का पकड़ में न आना

4. पेंच को कील की तरह ठोंक देना - बात में कसावट का न होना

5. बात का बन जाना -कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनाना ।

 

प्रश्न 1. बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें। उत्तर- 

(क) बात का बतंगड़ बनाना - मीडिया वाले अपने चैनल या अखबार को बिकाऊ बनाने के लिए बात का बतंगड़ बना देते हैं। 

(ख) बात बढ़ाना - अच्छा हैमामला यहीं सुलटा लो। बेकार में बात बढ़ाने से कोई लाभ नहीं होगा। 

(ग) बातें बनाना - ये हास्य कवि बातें बनाने में बड़े उस्ताद होते हैं। 

(घ) बात का धनी होनायह सेठ बात का धनी है। जो कह देगाकरके दिखाएगा। 

(ङ) वात रखना-छोटो को बड़ों की बात रखना चाहिए। 

(च) लातों के भूत बातों से नहीं मानते - आजकल के बच्चे तो इस तरह के हैं कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते।

 

कविता के साथ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. 'कविता के बहानेकाव्य में कविता की उड़ान तथा चिड़िया की उड़ान में क्या अंतर है ?

 

उत्तर- कविता की उड़ान सीमाहीन और अनंत हैक्योंकि कविता में मन भावों एवं असोम कल्पनाओं के पंख लगाकर उड़ता है और इसकी उड़ान सब जगह पर हो सकती हैं। जबकि चिड़िया की उड़ान में चिड़िया के पंखों की एक निश्चित और सीमित सामर्थ्य होता है। चिड़िया एक निश्चित सीमा के बाद उड़ने में असमर्थ होती है। चिड़िया सब जगह नहीं उड़ सकती।

Tags

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top