छोटा मेरा खेत बगुलों के पंख | 12th Hindi MP Board Question Answer

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छोटा मेरा खेत  बगुलों के पंख

छोटा मेरा खेत  बगुलों के पंख प्रश्न उत्तर | 12th Hindi MP Board Question Answer


 

छोटा मेरा खेत  बगुलों के पंख 

प्रश्न 1. छोटे चौकोने खेत को कागज का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है ? 
कागज के पन्ने की तुलना छोटे चौकोने खेत से करने का आधार स्पष्ट कीजिए। 
 

उत्तर- छोटे चौकोने खेत को कागज का पन्ना कहने में कवि का अर्थ एक भारतीय किसान की तरह स्वयं को एक कर्मठ और स्वावलंबी बताना है जिस प्रकार किसान अपने कार्य के प्रति लगनशील होकर अंधड़ के आते खेती के कार्य की तैयारी में जुट जाता हैउसी प्रकार कवि की अंतर्चेतना में विचारप्रेरणा आते ही वह उस विषय वस्तु पर काव्य रचना करने को तत्पर हो जाता है। खेतों में बीजखादपानी डालने से फसल तैयार होती है। उसी प्रकार कवि के विचारों में कल्पनाभावशिल्प का प्रयोग करने से कविता का निर्माण होता है। 

प्रश्न 2. रचना के संदर्भ में 'अंधड़और 'बीजक्या हैं(म.प्र. 2022) 

उत्तर- रचना के संदर्भ में अंधड़ विचारों की संवेदना हैप्रेरणा का स्रोत है जो विशेष विषय वस्तु पर कवि को गहराई से सोचने और उसे शब्दों और पंक्तियों में पिरोने को मजबूर कर देती है। बीज वह विशेष विषय वस्तु होती है जिसके बारे में कवि पूरी चेतना के साथ भाव के संयोग से शिल्प में अलंकारों बिम्बोंप्रतीकों के सामंजस्य से शब्द व पंक्ति रूप प्रदान करता है और काव्य रचना गतिशील हो जाती है।

 

प्रश्न 3. ‘रस का अक्षयपात्रसे कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है ?

 उत्तर- रस का अक्षयपात्रसे कवि ने रचना कर्म के भाव सौंदर्य और शिल्प सौंदर्य को विशेषताओं की ओर इंगित किया है जिसमें किसी रस विशेष की विषय वस्तु को उसके भाव का अद्भुत और असीम आनंद दिलाने के लिए शब्दों और वर्णों के अलंकारिक प्रयोगबिम्ब और प्रतीकों का समायोजनशब्द युग्मों एवं क्रमबद्धता के कारण कविता पढ़नेसुनने और अनुभूति में उस रस विशेष के अनुरूप हृदयस्पर्शी एवं सुकूनता प्रदान करती है। वह कभी भी समाप्त नहीं होती है। जितनी भी बार पढ़ी-सुनी जाए। कभी भी कितने ही वर्षों बाद पढ़ी या सुनी जाए उसमें वही रसास्वादन होता है जो (पूर्व में) आरंभ में था और मन प्रफुल्लित हो जाता है।

 

 छोटा मेरा खेत  बगुलों के पंख प्रश्न उत्तर 02 

प्रश्न 1. शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्योंचित्रोंध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध का हमारे ऐंद्रिक में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।

 

उत्तर- इस कविता में कई तरह के बिंबों का निर्माण हुआ है जो निम्नलिखित हैं- 1. चाक्षुप्त बिंब - 

1 छोटा मेरा खेत चौकोना 

2. कागज का एक पन्ना 

3. कोई अंधड़ कहीं से आया 

4. शब्द के अंकुर फूटे 

5. पल्लवपुष्पों से नमित 

6. झूमने लगे फल  

7. नभ में पाँती बंधे बगुलों की पाँखें 8. तैरती सांझ की सतेज श्वेत काया 

9. कजरारे बादलों की छाई नभ छाया। 

2. आस्वाद बिंब - 

1. कल्पना के रसायनों को पी गया बीज निःशेष। 

2. अमृत धाराएँ फूटती।

 

प्रश्न 2. जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप होरूपक कहलाता है। इस कविता में से रूपक का चुनाव करें। 

उत्तर- 1. भावों रूपी आँधी 

2. विचाररूपी बीज। 

3. पल्लव - पुष्पों से नमित हुआ विशेष। 

4. कजरारे बादलों की छाई नभ छाया । 

5. तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

 

छोटा मेरा खेत  बगुलों के पंख प्रश्न उत्तर 03 


प्रश्न 1. 'छोटा मेरा खेतकविता में 'बीज गल गया निःशेषसे क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर - बीज गल गया निःशेषके माध्यम से कवि कहता है कि जब वह कविता का मूलभाव कवि के मन में पूरी तरह रच-बस नहीं जातावह कवि निजता से मुक्त नहीं हो पाता है। दूसरे शब्दों मेंजब तक कविता के निजी संदर्भ समाप्त नहीं हो जाते हैं और उसकी अपील सार्वजानिक नहीं हो जाती है तब तक वह कविता के रूप में अभिव्यक्त हो पाता। कवि के अहं का गलना। उसके निजी भावों का दंश नष्ट होना कविता की रचना के लिए अनिवार्य है।

 

प्रश्न 2. कवि ने खेत की तुलना से क्यों की है स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर— जैसे खेत में किसी अंधड़ के कारण कोई बीज आ गिरता हैवैसे ही कागज के पन्ने पर किसीम अज्ञात भावना के कारण कोई विषय मंडराने लगता है। जैसे खेत में पड़े बीज को उगाने के लिए रसायन चाहिएवैसे ही भाव को पोषित करने के लिए कल्पना चाहिए। जैसे रसायन से बीज अंकुरित हो जाता है वैसे ही कल्पना से भाव शब्द के रूप में प्रकट हो जाता है।

 

प्रश्न 3. 'छोटा मेरा खेतकविता के रूपक को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर - कवि अपनी कविता को खेत के उपमान से प्रकट करता है। उसके अनुसार कवि खेत रूपी पन्ने पर भाव रूपी बीजविचाररूपी जलऔर अलंकाररूपी रसायन उड़ेलता है। तभी उसमें से कविता रूपी फसल पैदा होती है।

 

प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए- 

रोपाई क्षण 

कटाई अनंतता की। 

उत्तर- इसका आशय यह है कि कविता का मूल भाव क्षण-भर में जन्म ले लेता है। वह किसी विशेष क्षण में कवि के मन से उदित होता है। परंतु उस कविता का आनंद अनंतकाल तक व्याप्त रहता है। काव्य रस वर्तमान में ही नहींएक-दो श्रोताओं का ही नहींअपितु हमेशा-हमेशा के लिए सभी श्रोताओं को आनंद में सराबोर कर देता है।

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